कुमार कार्तिकेय को स्वामीनाथ बोलकर सम्बोधन किया। कुमार कार्तिकेय को स्वामीनाथ बोलकर सम्बोधन किया।
रविदास जयशंकर बिस्मिल्लाह मालवीय औ' गंगा तट। रविदास जयशंकर बिस्मिल्लाह मालवीय औ' गंगा तट।
कर दे बरसा सुख की धन की, दुख दूर करो प्रभु हो जन के।। कर दे बरसा सुख की धन की, दुख दूर करो प्रभु हो जन के।।
जय जय श्री गणेश जी, जय जय श्री पार्वती नंदन। जय जय श्री गणेश जी, जय जय श्री पार्वती नंदन।
कृष्ण की माया नगरी द्वारिका, कण-कण में भगवान बसे। कृष्ण की माया नगरी द्वारिका, कण-कण में भगवान बसे।
वृत्यनुप्रास अलंकार के ध्येय से रचित गीतिका। वृत्यनुप्रास अलंकार के ध्येय से रचित गीतिका।